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दुर्ग का किला फतह करने से पहले अपनों से 'हारी' कांग्रेस, भाजपा का 6 लाख का टार्गेट!
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दुर्ग का किला फतह करने से पहले अपनों से 'हारी' कांग्रेस, भाजपा का 6 लाख का टार्गेट!

दुर्ग में इस बार मुकाबला एकतरफा दिख रहा है.
दुर्ग में इस बार मुकाबला एकतरफा दिख रहा है.

दुर्ग के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच कांग्रेस की जमीन खसकती हुई नजर आ रही है. राजनीति का गढ़ माने जाने वाले दुर्ग ...अधिक पढ़ें

मौसम की गर्मी के साथ-साथ दुर्ग की सियासत भी गर्म है. बीजेपी प्रत्याशी विजय बघेल केंद्र में मोदी का चेहरा और विगत पांच वर्ष में कराए गए जनहितैषी कार्यों को लेकर पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में हैं. विजय बघेल राज्य के पूर्व सीएम भूपेंद्र बघेल के भतीजे हैं. भूपेंद्र बघेल राजनंदगांव से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. विजय बघेल के समर्थक पूरे जोश और उत्साह में हैं. ऐसा लगता है कि हर कार्यकर्ता स्वंय को मोदी और विजय बघेल मानकर प्रचार कर रहा है. शायद यही वजह है कि बीजेपी की रैलियों में हजारों की भीड़ भीषण गर्मी के बावजूद जुट रही है. बीजेपी का मानना है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी की ऐतिहासिक जीत होगी और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी छह लाख से अधिक मतों से विजयी रहेगी.

कांग्रेस प्रत्याशी को अपनों का डर
दूसरी ओर दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू हैं, जिन्हें किसी और का नहीं, बल्कि अपनों का ही डर सता रहा है. पार्टी अब तक विधानसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पाई है. कार्यकर्ताओं के बीच मनमुटाव जारी है और कुछ कांग्रेसी लोकसभा चुनाव में राजेंद्र साहू से बदला लेने के लिए उनके साथ दिखावे के लिए खडे़ नजर आ हैं. यही नहीं यहां ‘करेले में नीम चढ़ा’ वाली कहावत भी चरितार्थ हो रही है. एक ओर पार्टी की स्थित दुर्ग में खराब है तो रही सही कसर यहां के बड़े नेताओं ने निकाल दी है.

जिले के तीन बडे़ नेता पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू और विधायक देवेंद्र यादव दूसरे लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उनके समर्थक कांग्रेस कायकर्ता उनकी ढपली बजाने उनके क्षेत्र चले गए हैं. अब गिने चुने कांग्रेसी ही बच गए हैं जिनके साथ राजेंद्र साहू प्रचार कर रहे हैं.

इन सब विपरीत परिस्थितियों के बीच राजेंद्र साहू का चुनाव लड़ना और जीत दर्ज करना लोहे के चने चबाने जैसा है. फिर भी कांग्रेस का मानना है कि आम जनता सब जानती है. इसलिए इस बार तो कांग्रेस ही जीतकर आएगी.

छह लाख पार का नारा
केंद्र मे 400 पार और दुर्ग में छह लाख पार का नारा बीजेपी लगा रही है. पिछली बार प्रत्याशी और सांसद विजय बघेल ने चार लाख मतों से जीत दर्ज की थी. अब वे छह लाख से जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के पास ऐसी कोई उपलब्धि और मुद्दे नहीं हैं जिनके सहारे वो चुनाव जीत सके. इधर मतदाताओं का कहना है कि प्रत्याशी कोई भी चुनकर आए आम जनता उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. बहरहाल दुर्ग में सियासी पारा गर्म है. बीजेपी पूरे उत्साह में है और कांग्रेस इसके मुकाबले कही पीछे है. देखना होगा कि बीजेपी का मुकाबला करने कांग्रेस स्वयं को कैसे मजबूत कर पाती है.

Tags: Durg news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections