Gayatri Mantra: बेहद चमत्कारी है गायत्री मंत्र, जानें कैसे हुई शुरुआत, रामायण से क्या है खास कनेक्शन
Gayatri Mantra: पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि रामायण के सात अध्याय में करीब 24000 श्लोक है.इन श्लोकों में सभी रिश्तो ...अधिक पढ़ें
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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: सनातन धर्म में गायत्री देवी और उनके मंत्र का खासा महत्व है. मान्यता है कि गायत्री मंत्र में चारों वेदों का ज्ञान छिपा है. इस मंत्र के पाठ से मनोवांछित मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ मोक्ष की राह भी प्रशस्त करता है. गायत्री मंत्र का सीधा कनेक्शन रामायण से है. आइये जानते है काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य से गायत्री मंत्र की उत्तप्ति कैसे हुई.
पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि रामायण के सात अध्याय में करीब 24000 श्लोक है. इन श्लोकों में सभी रिश्तों के कर्तव्यों के साथ आदर्श जीवन के बारे में बताया गया है. उन्होंने बताया कि गायत्री मंत्र में कुल 24 अक्षर है.यह सभी अक्षर रामायण के हर 1000 श्लोकों के बाद आने वाले पहले अक्षर से लिया गया है और इस तरह 24 हजार श्लोकों के 24 अक्षरों से गायत्री मंत्र बना है.
जन्मदात्री देवी के रूप में है मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र को समझने से सभी चारों वेदों का ज्ञान मिलता है. बताते चलें कि गायत्री देवी को चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियों का जन्मदात्री देवी भी कहा जाता है.
ब्रह्मा जी से भी जुड़ी है कथा
रामायण से इतर गायत्री मंत्र के उत्तप्ति की एक और कथा परमपिता ब्रह्मा जी से भी जुड़ी है. कथाओं के अनुसार,सृष्टि के प्रारम्भ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था. इसके बाद ब्रह्मा जी ने ही अपने मुख से इसका पाठ किया. महर्षि विश्वामित्र ने अपने कठोर तप से इस चमत्कारिक गायत्री मंत्र को जन जन तक पहुंचाया.
ये है गायत्री मंत्र
‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’
(नोट: यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है.News 18 इसके सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.)
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