गर्भावस्था के दौरान जेली जैसा डिस्चार्ज – यह क्या है और क्यों होता है

प्रेगनेंसी में जेली जैसा डिस्चार्ज होना

गर्भावस्था एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बाहरी और आंतरिक रूप से बहुत सारे बदलाव होते हैं। महिलाओं के लिए वजाइनल डिस्चार्ज कोई नई बात नहीं है क्योंकि उन्हें यह अनुभव पहले भी हो चुके हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान सफेद रंग का जेली जैसा डिस्चार्ज आपको थोड़ा सोचने पर मजबूर कर सकता है क्योंकि हो सकता है यह डिस्चार्ज आपके करीबी लोगों को न होकर, सिर्फ आपको हुआ हो। यह डिस्चार्ज थोड़ा गाढ़ा होता है और इसमें थोड़ी अजीब गंध भी आ सकती है। प्रेगनेंसी में जेली जैसा डिस्चार्ज होना क्या है और इसके लिए कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, इस बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें।  

गर्भावस्था के दौरान जेली जैसा डिस्चार्ज होना क्या चिंता का विषय है?

कई मामलों में वजाइना से सफेद रंग का जेली जैसा डिस्चार्ज होना बहुत आम बात है और इसे शरीर का एक नॉर्मल प्रोसेस माना जाता है। हालांकि कभी-कभी जेली जैसा सफेद रंग का डिस्चार्ज होना इन्फेक्शन का संकेत भी हो सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं; 

  • इन्फेक्शन होने से वजाइना में सूजन हो जाती है और इसमें दर्द हो भी सकता है और नहीं भी।  
  • पेशाब के दौरान जलन और खुजली होती है। 
  • वजाइनल डिस्चार्ज का टेक्सचर गाढ़ा या बहावदार नहीं होता है। इस दौरान डिस्चार्ज का टेक्सचर दही या चीज़ की तरह हो सकता है। 
  • म्यूकस का रंग सफेद या हल्का सफेद होने के बजाय ग्रे या हरे रंग का हो सकता है। 

गर्भावस्था के दौरान जेली जैसा डिस्चार्ज होने के क्या कारण हैं?

A pregnant woman holding her belly

कई महिलाओं का मानना है कि गाढ़ा, स्पष्ट और जेली जैसा डिस्चार्ज गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में से एक है। हालांकि यह हमेशा सही नहीं होता है। ऐसा डिस्चार्ज होने के कई कारण हो सकते हैं, आइए जानें;

  • इस प्रकार के डिस्चार्ज के 2 मुख्य कारण हैं, पहला शरीर में एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ना और दूसरा पेल्विक क्षेत्र में खून का बहाव तेज होना। 
  • इन दोनों स्थितियों के परिणामस्वरूप सर्विक्स में मौजूद म्यूकस ग्लैंड उत्तेजित होता है। इस दौरान यह पहले की तुलना में तेजी से कार्य करने लगता है जिससे ज्यादा से ज्यादा म्यूकस निकलता है। 
  • शरीर में जगह न रहने की वजह से अतिरिक्त म्यूकस वजाइना के माध्यम से बाहर निकलता है। यह वजाइना व सर्विक्स के डेड सेल्स, बचा हुआ म्यूकस और अन्य प्राकृतिक बैक्टीरया को भी इकट्ठा करता है। 
  • यह सभी चीजें मिलकर म्यूकस का टेक्सचर जेली जैसा गाढ़ा बना देती हैं।

तीसरी तिमाही या गर्भावस्था के अंत में जेली जैसा डिस्चार्ज होना 

कई महिलाएं जेली जैसे डिस्चार्ज को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही या इसके बिलकुल अंत में ऑब्जर्व करती हैं। 

इस स्थिति में शरीर वजाइना के माध्यम से म्यूकस प्लग डिस्चार्ज करना शुरू कर देता है। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में यह प्लग गर्भाशय और बच्चे को कीटाणु व इन्फेक्शन से सुरक्षित रखता है। भ्रूण के सुरक्षित विकास के लिए गर्भाशय का पूरी तरह से सील्ड रहना जरूरी है। 

गर्भावस्था के दौरान सर्विक्स मुलायम पड़ जाने के कारण म्यूकस प्लग डिस्चार्ज होता है – सर्विक्स मुलायम या पकने का मतलब है कि यह डिलीवरी की तैयारी के लिए पतला होना शुरू हो गया है। इस प्रोसेस के परिणामस्वरूप म्यूकस निकल जाता है। कुछ महिलाओं में म्यूकस प्लग सर्वाइकल जांच या संभोग के समय में भी निकल सकता है। 

ड्यू डेट आने तक आपका शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो जाता है। 36 सप्ताह पूरे होने तक म्यूकस प्लग डिस्चार्ज हो जाता है और यह वजाइना से समान रूप में ही निकलता है। यह जेली की तरह या एक बार में थोड़े से खून के साथ बड़ी बूंद के रूप में निकल जाता है। खून के साथ निकलने वाले इस म्यूकस प्लग को ‘शो’ कहा जाता है और इसमें चिंता का कोई भी कारण नहीं है। 

वजाइनल डिस्चार्ज से इन्फेक्शन होने का कब पता चलता है?

यह डिस्चार्ज आमतौर पर बेरंग और बिना किसी गंध का होता है। यदि इसमें दुर्गंध आने के साथ-साथ इसका रंग ग्रे या हरा है तो निम्नलिखित इन्फेक्शन होने की पूरी संभावना हो सकती है, आइए जानते हैं;

1. यीस्ट इन्फेक्शन 

वजाइना में कई प्रकार के फंगस होते हैं जो कभी-कभी वहाँ पर मौजूद माइक्रोब्स को प्रभावित कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर में बहुत ज्यादा हॉर्मोनल बदलाव होने के कारण वजाइना में मौजूद फ्लूइड – शुगर में बदल जाता है। इन्फेक्शन के कारण इस शुगर से यीस्ट बनना शुरू हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप वजाइना में यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। 

2. बैक्टीरियल इन्फेक्शन 

वजाइना में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। कभी-कभी खराब बैक्टीरिया के बढ़ने से आपके व आपके बच्चे को हानि हो सकती है। कुछ प्रकार का बैक्टीरियल इन्फेक्शन लेबर को सामान्य से जल्दी प्रेरित करने के लिए जाना जाता है और इससे समय से पहले बच्चे का जन्म हो जाता है। इससे बच्चे को अन्य कॉम्प्लीकेशन्स और विकार हो सकते हैं। यदि पहले भी समय से पहले बच्चे का जन्म हुआ है तो आपको इन्फेक्शन होने के संकेत मिल सकते हैं और यदि यह आपको पहले भी हुआ है तो इसकी जांच करना सरल हो जाता है। 

3. एस.टी.डी’स के कारण इन्फेक्शन होना 

यदि आप गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में सेक्सुअली एक्टिव थी तो आपको अन्य इन्फेक्शन की तुलना में एस.टी.डी’स इन्फेक्शन होने की अधिक संभावना हो सकती है। यदि आपने शुरूआत में असुरक्षित संभोग किया है तो सबसे पहले आपको और आपके साथी को एस.टी.डी का टेस्ट करवाना चाहिए। यद्यपि एस.टी.डी’स के कारण ही प्रीमैच्योर डिलीवरी या समय से पहले जन्म नहीं होता है पर इससे जन्म के बाद आपके गर्भाशय में इन्फेक्शन हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे तक इन्फेक्शन पहुँचने से उसका विकास रुक सकता है। इस समस्या के कारण जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है, उसे आँखों की समस्याएं हो सकती हैं और उसे समझ से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। एस.टी.डी’स इन्फेक्शन की वजह से बच्चे के मस्तिष्क में क्षति हो सकती है। 

गर्भावस्था के दौरान वजाइनल इन्फेक्शन से बचने के टिप्स 

  • यदि गर्भावस्था के दौरान आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो बेहतर होगा कि आप और आपका साथी संभोग से पहले एस.टी.डी’स की जांच करवाएं और हमेशा प्रोटेक्शन का उपयोग करें। 
  • कई महिलाएं वजाइना को बार-बार पानी से साफ करती हैं। वजाइना अपने आप साफ होता है और इसे बार-बार पानी से साफ करने से इन्फेक्शन हो सकता है क्योंकि ऐसा करने से वजाइना में मौजूद हेल्थी बैक्टीरिया भी नष्ट हो सकते हैं।
  • वजाइना साफ करते समय सुनिश्चित करें कि वह पूरी तरह से सूख जाना चाहिए। इसमें नमी होने से माइक्रोब्स पैदा हो सकते हैं जिससे इन्फेक्शन होता है। यदि वजाइना हल्का सा भी गिला या नम रहता है तो आपको निश्चित ही इन्फेक्शन हो सकता है। 
  • इस दौरान आप ढीले और आरामदायक कपड़े ही पहनें जो आपको क्रौच एरिया में भी ढीला हो। यहाँ तक कि इस दौरान आप पैंटी भी ढीली और कॉटन की ही पहनें। इससे हवा का सर्कुलेशन होने में मदद मिलती है और पसीना सूखने के साथ-साथ वजाइनल एरिया भी ड्राई रहता है। 
  • बाथरूम जाने के बाद सफाई करना हर कोई बचपन से ही सीखता है पर अक्सर हम में से कुछ लोग इसमें भी गलतियां कर देते हैं। वजाइनल एरिया को साफ रखने का हाइजीनिक तरीका है कि इसे आगे से पीछे की ओर पोंछें। पीछे से आगे की ओर पोंछने से ऐनल में मौजूद सभी कीटाणु वजाइना की तरफ आ सकते हैं और इससे इन्फेक्शन हो सकता है। सही तरीके से सफाई रखने पर वजाइना में कोई भी दिक्कत नहीं होगी। 
  • कई महिलाएं अपने वजाइनल एरिया में खुशबू के लिए कई चीजों का उपयोग करती हैं पर वह सब ठीक नहीं है – आमतौर पर इसमें प्राकृतिक गंध होती है जो किसी भी अन्य खुशबू या डिओड्रेंट से बदली नहीं जानी चाहिए। डिओड्रेंट में मौजूद केमिकल से वजाइनल एरिया में उल्टा प्रभाव पड़ सकता है जिससे जलन और इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • इस समय पर आपको बबल बाथ भी नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसमें साबुन की सुगंध सीधे वजाइना के संपर्क में होती है और यह वहाँ पर खुजली व इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा देता है। 

गर्भावस्था के दौरान एक छोटा सा बदलाव करने से भी आपके शरीर में आंतरिक रूप से बड़े बदलाव हो सकते हैं। गर्भावस्था की शुरूआत में सफेद रंग का गाढ़ा जेली जैसा डिस्चार्ज होना हमेशा एक समस्या नहीं है। पर सही से ऑब्जर्व करने पर और इसमें ध्यान देने से इन्फेक्शन होने की संभावना कम हो सकती है। 

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