नैनीताल
कोरोना के डर को कुछ समय के लिए भूल जाइए और प्रकृति की खूबसूरती का अहसास कीजिए। जो अब तक नहीं हुआ वह अब होता दिख रहा है। कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण नैनीताल और भीमताल समेत आसपास की सभी झीलों का पानी करीब 30 फीसदी तक साफ हो गया है। झील के अंदर अब मछलियां साफ दिखाई दे रही हैं। इसे झील की सेहत के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।लॉकडाउन की वजह से इन दिनों नैनीताल में गाड़ियों का संचालन और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या ना के बराबर है। सालभर यहां पर्यटक समेत बाहर से आने वाले लोगों की रहने वाली आमद भी शून्य है। लॉकडाउन के चलते झील के चारों तरफ स्थित होटलों और लॉज से निकलने वाला पानी और कूड़ा जो नैनी झील में जाता था उसमें रोक लगी हुई है।
आजादी के बाद पहली बार इतना साफ पानी
जानकारों का मानना है कि आजादी के बाद नैनी झील पहली बार इतनी साफ देखी गई है। इस बार नैनी झील का जलस्तर भी लॉकडाउन के चलते शहर में पसरे सन्नाटे से बीते साल के मुकाबले करीब 4 फीट बढ़ा हुआ है। यह साफ है कि आने वाले समय में नैनीताल वासियों को पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी। वहीं नैनी झील के जल की गुणवत्ता की बात करें तो पीएच और खारेपन में भी खासी कमी दर्ज हुई है।
जल के पीएच लेवल में भी आया सुधार
जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार, पानी का पीएच लेवल में काफी सुधार आया है। पहले नैनी झील के पानी का पीएच लेवल 8.50 मिलीग्राम/लीटर था, जो अब 7.9 मिलीग्राम/लीटर हो चुका है। पानी के खारापन में भी इस दौरान काफी अंतर आया है।
पानी का खारापन भी हुआ दूर
पहले पानी की खारेपन 390 मिलीग्राम प्रति लीटर थी, जो अब 350 ग्राम प्रति मिलीलीटर है। पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा पहले 450 एमएमटी था, जो अब 350 रह गई है। लॉकडाउन से पहले झील के पानी में बैक्टीरियल इंफेक्शन की मात्रा 6500 मिलीग्राम/लीटर थी, जो अब 4200 रह गई है। झील में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी है।
कोरोना के डर को कुछ समय के लिए भूल जाइए और प्रकृति की खूबसूरती का अहसास कीजिए। जो अब तक नहीं हुआ वह अब होता दिख रहा है। कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण नैनीताल और भीमताल समेत आसपास की सभी झीलों का पानी करीब 30 फीसदी तक साफ हो गया है। झील के अंदर अब मछलियां साफ दिखाई दे रही हैं। इसे झील की सेहत के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।लॉकडाउन की वजह से इन दिनों नैनीताल में गाड़ियों का संचालन और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या ना के बराबर है। सालभर यहां पर्यटक समेत बाहर से आने वाले लोगों की रहने वाली आमद भी शून्य है। लॉकडाउन के चलते झील के चारों तरफ स्थित होटलों और लॉज से निकलने वाला पानी और कूड़ा जो नैनी झील में जाता था उसमें रोक लगी हुई है।
आजादी के बाद पहली बार इतना साफ पानी
जानकारों का मानना है कि आजादी के बाद नैनी झील पहली बार इतनी साफ देखी गई है। इस बार नैनी झील का जलस्तर भी लॉकडाउन के चलते शहर में पसरे सन्नाटे से बीते साल के मुकाबले करीब 4 फीट बढ़ा हुआ है। यह साफ है कि आने वाले समय में नैनीताल वासियों को पीने के पानी की किल्लत नहीं होगी। वहीं नैनी झील के जल की गुणवत्ता की बात करें तो पीएच और खारेपन में भी खासी कमी दर्ज हुई है।
जल के पीएच लेवल में भी आया सुधार
जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार, पानी का पीएच लेवल में काफी सुधार आया है। पहले नैनी झील के पानी का पीएच लेवल 8.50 मिलीग्राम/लीटर था, जो अब 7.9 मिलीग्राम/लीटर हो चुका है। पानी के खारापन में भी इस दौरान काफी अंतर आया है।
पानी का खारापन भी हुआ दूर
पहले पानी की खारेपन 390 मिलीग्राम प्रति लीटर थी, जो अब 350 ग्राम प्रति मिलीलीटर है। पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा पहले 450 एमएमटी था, जो अब 350 रह गई है। लॉकडाउन से पहले झील के पानी में बैक्टीरियल इंफेक्शन की मात्रा 6500 मिलीग्राम/लीटर थी, जो अब 4200 रह गई है। झील में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी है।