दुबई: संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। यूएई में काफी कम बारिश होती है लेकिन जिस तरह से दुबई में भारी बारिश दर्ज की गई, उसने कई तरह की चिंताओं को जन्म दिया है। इस भारी बारिश के लिए 'क्लाउड सीडिंग' को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मौसम विज्ञानियों ने ने दुबई में बाढ़ के लिए 'क्लाउड सीडिंग' को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद चेतावनी दी है कि ये आने वाले समय में देशों के बीच 'मौसम युद्ध' की शक्ल ले सकता है। ऐसा हुआ तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
दुबई में केवल 24 घंटों में 142 मिमी से अधिक बारिश हुई। इतनी बारिश शहर में एक साल में होती है। मौसम के अजीब बदलाव ने क्लाउड सीडिंग के बारे में चिंताएं पैदा कर दीं, 1940 के दशक से इस्तेमाल की जा रही इस प्रक्रिया में विशेष फ्लेयर्स से लैस विमान बारिश को प्रोत्साहित करने के लिए बादलों में नमक छोड़ते हैं। यूएई ने 1990 के दशक से वर्षा को शीघ्र करने के लिए क्लाउड-सीडिंग का उपयोग किया है। हालांकि इस बारिश में यूएई ने क्लाउड सीडिंग से इनकार किया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग अगर नियंत्रण से बाहर हुई तो फिर देशों के बीच 'मौसम युद्ध' होने की आशंका है। पर्यावरण प्रौद्योगिकी कंपनी किस्टर्स के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जोहान जैक्स ने चेतावनी दी कि इस नई तकनीक का उपयोग करने के 'अनपेक्षित परिणाम' हो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से 'राजनयिक अस्थिरता' हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब हम प्राकृतिक वर्षा पैटर्न में हस्तक्षेप करते हैं, तो हम नई घटनाओं की एक ऐसी श्रृंखला शुरू कर देते हैं जिन पर हमारा बहुत कम नियंत्रण होता है।
जोहान जैक्स ने कहा कि क्लाउड सीडिंग के बाद के परिणामों पर हमारा बहुत कम नियंत्रण है। एक क्षेत्र में अत्यधिक बारिश लाने के लिए क्लाउड सीडिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करने से दूसरे क्षेत्र में अचानक बाढ़ और सूखा पड़ सकता है। जब भी हम प्राकृतिक वर्षा पैटर्न में हस्तक्षेप करते हैं तो हम घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू कर देते हैं जिन पर हमारा बहुत कम नियंत्रण होता है।
यूएई के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (एनसीएम) के मौसम विज्ञानी अहमद हबीब ने ब्लूमबर्ग को बताया कि अभूतपूर्व बारिश से पहले के दिनों में कई क्लाउड-सीडिंग उड़ानें भरी गई थीं। क्लाउड सीडिंग के उपयोग के बारे में अटकलों के कारण बाद में एनसीएम ने इस बात से इनकार किया कि यह ऑपरेशन तूफान से पहले मंगलवार को हुआ था। विशेषज्ञ संयुक्त अरब अमीरात में तीव्र मौसम पैटर्न लाने में जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभाव पर भी सवाल उठा रहे हैं।
दुबई में केवल 24 घंटों में 142 मिमी से अधिक बारिश हुई। इतनी बारिश शहर में एक साल में होती है। मौसम के अजीब बदलाव ने क्लाउड सीडिंग के बारे में चिंताएं पैदा कर दीं, 1940 के दशक से इस्तेमाल की जा रही इस प्रक्रिया में विशेष फ्लेयर्स से लैस विमान बारिश को प्रोत्साहित करने के लिए बादलों में नमक छोड़ते हैं। यूएई ने 1990 के दशक से वर्षा को शीघ्र करने के लिए क्लाउड-सीडिंग का उपयोग किया है। हालांकि इस बारिश में यूएई ने क्लाउड सीडिंग से इनकार किया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग अगर नियंत्रण से बाहर हुई तो फिर देशों के बीच 'मौसम युद्ध' होने की आशंका है। पर्यावरण प्रौद्योगिकी कंपनी किस्टर्स के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जोहान जैक्स ने चेतावनी दी कि इस नई तकनीक का उपयोग करने के 'अनपेक्षित परिणाम' हो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से 'राजनयिक अस्थिरता' हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब हम प्राकृतिक वर्षा पैटर्न में हस्तक्षेप करते हैं, तो हम नई घटनाओं की एक ऐसी श्रृंखला शुरू कर देते हैं जिन पर हमारा बहुत कम नियंत्रण होता है।
एक देश की वजह से होगा दूसरे देश में नुकसान
जोहान जैक्स के मुताबिक, 'मौसम के साथ हस्तक्षेप नैतिक प्रश्न भी उठाता है। मौसम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानता है। ऐसे में क्योंकि एक देश में मौसम बदलने के दूसरे देश में विनाशकारी प्रभाव पड़ सकते हैं। क्लाउड सीडिंग के कारण होने वाली तीव्र वर्षा से अतिरिक्त प्रवाह होगा, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आ सकती है। दुबई की बाढ़ उन अनपेक्षित परिणामों की एक कड़ी चेतावनी के रूप में काम करती है जो हम तब उत्पन्न कर सकते हैं जब हम मौसम को बदलने के लिए ऐसी तकनीक का उपयोग करते हैं।'जोहान जैक्स ने कहा कि क्लाउड सीडिंग के बाद के परिणामों पर हमारा बहुत कम नियंत्रण है। एक क्षेत्र में अत्यधिक बारिश लाने के लिए क्लाउड सीडिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करने से दूसरे क्षेत्र में अचानक बाढ़ और सूखा पड़ सकता है। जब भी हम प्राकृतिक वर्षा पैटर्न में हस्तक्षेप करते हैं तो हम घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू कर देते हैं जिन पर हमारा बहुत कम नियंत्रण होता है।
यूएई के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (एनसीएम) के मौसम विज्ञानी अहमद हबीब ने ब्लूमबर्ग को बताया कि अभूतपूर्व बारिश से पहले के दिनों में कई क्लाउड-सीडिंग उड़ानें भरी गई थीं। क्लाउड सीडिंग के उपयोग के बारे में अटकलों के कारण बाद में एनसीएम ने इस बात से इनकार किया कि यह ऑपरेशन तूफान से पहले मंगलवार को हुआ था। विशेषज्ञ संयुक्त अरब अमीरात में तीव्र मौसम पैटर्न लाने में जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभाव पर भी सवाल उठा रहे हैं।