दलाई लामा की लेह यात्रा आज से, चीन को संदेश; सरकार ने कहा- ऐतराज नहीं होना चाहिए

दलाई लामा लगभग उसी समय इस क्षेत्र में होंगे जब भारत और चीन 17 जुलाई को अगली कोर कमांडर स्तर की वार्ता करेंगे.

नई दिल्‍ली :

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा (Dalai Lama)कोरोना महामारी फैलने के बाद से दो साल में अपने पहले बड़े दौरे में 15 जुलाई से लेह में होंगे.  भारत सरकार का कहना है कि ये धार्मिक यात्रा है इसीलिए किसी को इस से आपत्ति नहीं होनी चाहिए. एक वरिष्‍ठ केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, “ये एक धार्मिक यात्रा है इसीलिए किसी को भी इस से आपत्ति नहीं होनी चाहिए,” उनके मुताबिक़ दलाई लामा पिछले कुछ सालों में कई बार अरुणाचल और लद्दाख़ जा चुके हैं. पिछले दो साल वे कोविड महामारी के कारण नहीं गए लेकिन इस साल जा रहे है इस पर किसी को क्या आपत्ति  है.”

इस यात्रा का रणनीतिक महत्व है क्योंकि भारत और चीन के बीच वर्ष 2020 से पूर्वी लद्दाख में तनाव की स्थिति बनी हुई है और चीन ने अतीत में भी दलाई लामा की इस क्षेत्र की यात्रा पर आपत्ति जताई है. दलाई लामा लगभग उसी समय इस क्षेत्र में होंगे जब भारत और चीन 17 जुलाई को अगली कोर कमांडर स्तर की वार्ता करेंगे. वैसे दलाई लामा में जम्मू में मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ चीनी कट्टरपंथी उन्हें अलगाववादी मानते हैं. उन्होंने कहा कि वे चीन से आजादी नहीं बल्कि उसके अंदर ही तिब्बत के लिए स्वायत्तता की मांग रहे हैं. तिब्‍बती आध्‍यात्मिक नेता ने कहा,  “चीन के लोग नहीं, बल्कि यहां के कुछ कट्टरपंथी मुझे अलगाववादी मानते हैं. मगर अब चीन के अधिकतर लोग यह महसूस कर रहे हैं कि दलाई लामा स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि चीन के भीतर सार्थक स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं.” बता दें कि दलाई लामा शुक्रवार यानी 15 जुलाई को लद्दाख जाएंगे. पिछले दो सालों में इन तिब्बती नेता की धर्मशाला के बाहर पहली यात्रा होगा. लंबे समय बाद अपने धर्मगुरु को अपने बीच देखने के लिए लद्दाख में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों में खासा उत्साह है.

हाल ही में दलाई लामा ने अपना 87वां जन्मदिन मनाया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें जन्मदिन पर बधाई दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘फोन पर दलाई लामा से बात कर उन्हें 87वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. हम उनके लंबे जीवन और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं.'पीएम ने ने पिछले साल भी दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी. अनुयायियों ने धर्मशाला में दलाई लामा का जन्मदिन मनाया, जहां वे निर्वासन में रहते हैं.चीन ने इस आपत्ति दर्ज की थी तो विदेश मंत्रालय में भी जवाब देते हुए कहा था कि भारत की नीति दलाई लामा को हमेशा सम्मानित अतिथि के रूप में देखने की रही है और इसे समग्र रूप में  देखा जाना चाहिए.

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