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महंगाई की मार से इस साल नहीं मिलेगी निजात, 2023 पर टिकी RBI की उम्मीद

RBI Report On Inflation: रिजर्व बैंक ने देश में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी यह उच्च स्तर पर बनी हुई है. अब आरबीआई की रिपोर्ट से भी यह साफ है कि इस साल महंगाई की मार से जनता को बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.

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महंगाई आरबीआई के लक्ष्य से लगातार ऊपर
महंगाई आरबीआई के लक्ष्य से लगातार ऊपर

देश में महंगाई दर (Inflation Rate) लगातार रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. इसे काबू में करने के लिए इस साल अब तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट (Repo Rate) में 4 बार इजाफा कर चुका है. इस बीच आरबीआई (RBI) ने रिपोर्ट जारी कर राहत भरी खबर दी है. दरअसल, इसमें कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में महंगाई की मार से जनता को निजात मिलने की उम्मीद है और मुद्रास्फीति दर कम होकर 5.2 फीसदी पर आ सकती है. 

आरबीआई से लक्ष्य से ऊपर महंगाई
महंगाई (Inflation) के लगातार उच्च स्तर पर रहने से जहां लोगों का बजट बिगड़ रहा है, तो वहीं आरबीआई (RBI) के लिए भी यह बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है. देश में महंगाई दर लगातार 8 महीने से रिजर्व बैंक के निर्धारित लक्ष्य के ऊपर 7 फीसदी पर बनी हुई है. पीटीआई के मुताबिक, आरबीआई की नई रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि बारिश के सामान्य (Normal Rains) रहने और सप्लाई चेन में दिक्कतें दूर (Ease In Supplies Chain) होने के कारण अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर काबू में आ सकती है. इसमें कहा गया है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में Retail Inflation कम होकर 5.2 फीसदी के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. 

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6 फीसदी के नीचे पहुंचने का अनुमान
RBI की 'मौद्रिक नीति रिपोर्ट सितंबर 2022' में कहा गया है कि सामान्य मानसून, आपूर्ति श्रृंखला में पैदा हुई समस्याएं दूर होने और कोई बाहरी या नीतिगत झटका नहीं लगने की स्थिति में वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई 6 फीसदी से नीचे आने का अनुमान है. यानी रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से ये तो साफ है कि इस साल महंगाई की मार से जनता को दो-चार होना ही पड़ेगा. हालांकि, रिपोर्ट में इस चालू वित्त वर्ष में भी खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में मामूली कमी का अनुमान जताया गया है. इसमें कहा गया है कि यह 6.7 फीसदी रह सकती है. 

इस साल ऐसी रही महंगाई की चाल
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर के 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय कर रखा है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी देश में खुदरा महंगाई का आंकड़ा 7 फीसदी के आसपास बनी हुई है. अप्रैल में यह आंकड़ा 7.79 फीसदी के पर पहुंच गया था. हालांकि, जुलाई में मंहगाई दर 7 फीसदी से नीचे पहुंची थी, लेकिन अगस्त में ये फिर से बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई. 

Repo Rate में 4 बार इजाफा
आरबीआई महंगाई को काबू में करने के लिए उठाए जा रहे अपने कदमों के तहत मई 2022 से अब तक एक के बाद एक चार बार रेपो रेट बढ़ा चुका है. बीते शुक्रवार को बताया कि गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए रेपो रेट में 50 BPS या 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. इससे पहले मई में इसमें 0.40 फीसदी की वृद्दि करते हुए 4.40 फीसदी किया गया था. फिर जून में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी और अगस्त में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. कुल मिलाकर मई से अब तक रेपो रेट 1.90 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच चुका है. 

 

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