scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

Nainital में भूमिगत झील मिली, खत्म होगी पानी की किल्लत, रुकेगा भूस्खलन

Underground Lake In Nainital
  • 1/10

नैनीताल पर्यटन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां के नैनी झील पर लोग बोटिंग का आनंद जरूर लेते हैं. इसी झील से पूरे नैनीताल को पीने का पानी सप्लाई होता है. लेकिन गर्मियों में यहां पानी की किल्लत हो जाती है. नैनीताल में ही एक इलाका है बलिया नाला. जहां पिछले दो-तीन दशकों से लगातार भूस्खलन हो रहा है. जमीन के नीचे से पानी की मोटी धार निकल रही है. पहले लोगों को लगा नैनी झील का पानी लीक कर रहा है, लेकिन अब जाकर जांच में यह पता चला कि वहां पर जमीन के अंदर एक बड़ी सी भूमिगत झील है. जो इस खूबसूरत शहर के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है. (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 2/10

पर्यटकों की मुख्य आकर्षण रही झील नगरी नैनीताल की नैनी झील के मुहाने से लगभग 400 मीटर दूर जमीन के नीचे करीब 200 मीटर लंबी और पांच मीटर तक गहरी झील मिली है. जिसे जिले के अधिकारी इस शहर के लिए दैवीय वरदान से कम नहीं मान रहे हैं. IIT रुड़की के भू-भौतिकी विभाग के प्रोफेसर आनंद जोशी और प्रोफेसर संदीप सिंह की उत्तराखंड सिंचाई विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट इसका खुलासा हुआ.  (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 3/10

रिपोर्ट के मुताबिक, बलिया नाला क्षेत्र में पानी रिसाव का करण बने जलस्रोतों के समीपवर्ती 70 मीटर इलाके के भूमिगत भू-भौतिकी सर्वे में यह झील दिखी है. मजे की बात यह भी है कि बलिया नाला इलाके में यह भूमिगत झील नैनीझील से नहीं जुड़ी है. नैनी झील के रख-रखाव से जुड़े सिंचाई विभाग के इंजीनियर हरीश चंद्र सिंह के अनुसार इसका सीधा मतलब यह है कि इस भूमिगत झील का पानी निकाला जाए तो नैनी झील पर कोई असर नहीं पड़ेगा.  (फोटोः गेटी)

Advertisement
Underground Lake In Nainital
  • 4/10

भूमिगत झील के मिलने से प्रशासन और नैनीताल की बलिया नाले वाली तलहटी के भूस्खलन से परेशान निर्माण एजेंसियों को भी राहत महसूस हुई है. सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि पानी का रिसाव नैनी झील से नहीं, बल्कि भूमिगत झील से हो रहा है. बलिया नाला क्षेत्र में 2014 और 2018 में हुए भूस्खलन से पूरे क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा था. कई घरों को खाली करवाना पड़ा था.  (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 5/10

शहीद मेजर राजेश अधिकारी इंटर कॉलेज भी भूस्खलन की चपेट में आया था. 100 साल पुराने इस स्कूल को शिफ्ट करने की नौबत आई तो सिंचाई विभाग ने रुड़की स्थित नेशनल हाइड्रोलॉजी संस्थान से इस क्षेत्र के तमाम जलस्रोतों का आइसोटॉपिक परीक्षण करने को कहा. ताकि यह पता चल सके कि रिसाव नैनी झील से हो रहा है या कहीं और से. जांच से पता चला कि नैनी झील से रिसाव नहीं हो रहा है.  (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 6/10

उसकी रिपोर्ट के बाद हाइकोर्ट के आदेश से समस्याग्रस्त बलिया नाला क्षेत्र के सर्वे के लिए IIT रुड़की, देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट, जीएसआइ समेत कई एजेंसियों की कमेटी बनी. IIT रुड़की की सर्वे रिपोर्ट में पता चला कि पानी का रिसाव नैनी झील से नहीं बल्कि भूमिगत झील से हो रहा है. इस सर्वे रिपोर्ट से पता चला कि जीजीआईसी से सिपाही धारा तक करीब 200 मीटर लंबी झील है. इसकी वजह से बलिया नाला में रोज 80 लाख लीटर पानी निकल रहा है. यानी इतने पानी से नैनीताल के पीने की दिक्कत खत्म हो सकती है.  (फोटोः गेटी)
 

Underground Lake In Nainital
  • 7/10

इसके बाद नैनीताल के कलेक्टर धीरज सिंह गर्ब्याल ने पानी निकालने के लिए दो तीन जगहों पर बोरिंग करवाने का निर्देश दिया. धीरज सिंह कहते हैं कि ये मामला भूगर्भीय है, इसलिए बिना वैज्ञानिकों की सलाह के कोई भी कदम उठाना नुकसानदेह हो सकता है. अगर पानी निकालने में सफलता मिलती है तो नैनी झील पर आश्रित नहीं रहना होगा. उसके गिरते जलस्तर को बचाया जा सकेगा.  (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 8/10

धीरज कहते हैं कि इस काम की वजह से बलिया नाला इलाके में होने वाले भूस्खलन को रोकने में मदद मिलेगी. इस इलाके में 1980 में भूस्खलन के बाद ट्रीटमेंट और सर्वे का काम शुरु हुआ था. लेकिन यहां पानी के तेज प्रवाह के चलते ट्रीटमेंट में सफलता नहीं मिली. अब यह समझ आ गया है कि यह तेज प्रवाह भूमिगत झील की वजह से है. अब हम इसका ट्रीटमेंट आसानी से कर पाएंगे.  (फोटोः गेटी)

Underground Lake In Nainital
  • 9/10

जिलाधिकारी धीरज सिंह ने सिंचाई-नलकूप, जल निगम समेत कई विभागों की आठ सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो इस इलाके में ट्यूबवेल बनाएगी. इस भूमिगत पानी खींचकर नैनीताल तक पहुंचाया जाएगा. अगर इसमें सफलता मिलती है तो नैनी झील से हर साल गर्मियों में कम होने वाले पानी के स्तर को रोका जा सकेगा. प्रदूषित पेयजल की सप्लाई को रोक कर नैनीताल के लोगों को साफ पानी दिया जा सकेगा.  (फोटोः गेटी)

Advertisement
Underground Lake In Nainital
  • 10/10

अच्छी खबर ये है कि इस भूमीगत झील का पानी नैनी झील से ज्यादा अच्छा और प्रदूषण मुक्त है. इस बात की पुष्टि नेशनल हाइड्रोलॉजिकल सर्वे संस्थान ने पुष्ट की है. इससे तीन बड़े फायदे होंगे. पहला नैनीताल को साफ पानी की सप्लाई होगी. दूसरा- बलिया नाला इलाके में भूस्खलन रुकेगा और तीसरा- नैनी झील का सुंदरता और जलस्तर में कमी नहीं आएगी. (फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement