संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान सरकार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के कालखंड में हुए आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र जारी किया है। इस श्वेतपत्र में सरकार देश की अर्थव्यवस्था पर 2014 से पहले लिए गए आर्थिक निर्णयों से पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में विस्तार बताया गया है। केंद्र सरकार यह श्वेत पत्र बजट सत्र 2024 के समापन के एक दिन पहले पेश किया है। श्वेत पत्र की शुरुआत कब हुई थी, इसका मतलब क्या है और इसका इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता है? अगर आपको नहीं पता तो पढ़ना जारी रखिए।
हाल में पेश किए गए अपने अंतरिम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीए सरकार के दौरान लिए गए आर्थिक निर्णयों और देश पर उसके कारण पड़े दुष्प्रभाव के बारे में श्वेत पत्र लाने का एलान किया था। अपने अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कहा था कि वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार ने बागडोर संभाली थी, उस समय चरण-दर-चरण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने और शासन प्रणाली को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी। समय की मांग थी कि लोगों को आशा की किरणें दिखे, निवेश आकर्षित किया जा सके और सुधार के लिए अत्यावश्यक समर्थन जुटाया जा सके। सरकार ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के मजबूत विश्वास के साथ इसे सफलतापूर्वक हासिल किया।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने तब की और अब की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि उन वर्षों के संकटों से पार पा लिया गया है और हमारी अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च टिकाऊ विकास की राह पर बढ़ चली है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार अर्थव्यवस्था पर सदन के पटल पर श्वेत पत्र लेकर आई है, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।
श्वेत पत्र की शुरुआत 102 साल पहले वर्ष 1922 में ब्रिटेन में हुई थी। यह किसी विषय के बारे में ज्ञात जानकारी या एक सर्वेक्षण/अध्ययन के परिणाम का सारांश होता है। एक श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में हो सकता है, लेकिन यह हमेशा चीजों के काम करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देता है। यह आमतौर पर सरकार द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई या कम से कम एक निष्कर्ष के लिए प्रकाशित किया जाता है। एक श्वेत पत्र एक सरकार, कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन द्वारा जारी एक सूचनात्मक दस्तावेज है जो किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ावा देने या उजागर करने के लिए जारी किया जाता है। श्वेत पत्रों का उपयोग सरकारी नीतियों और कानून को प्रस्तुत करने और जनता की राय का आकलन करने की एक विधि के रूप में भी किया जाता है।
सरकार के अलावा किसी भी संस्था, कंपनी, ऑर्गेनाइजेशन द्वारा श्वेत पत्र जारी किया जा सकता है। जिसमें वह अपने ग्राहकों, कर्मचारियों या जनता को अपने उत्पादों की विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकती है। इसके अलावा कई संस्था अपने द्वारा शुरू की गई तकनीक का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी श्वेत पत्र करती है ताकि वह आम लोगों तक पहुंच सके।
आर्थिक मामलों से जुड़े श्वेत पत्र में सरकार या किसी संस्था की कमियों, उससे होने वाले दुष्परिणामों और सुधार करने के लिए सुझावों जैसे विषय होते हैं। वहीं उत्पादन/तकनीक से जुड़े श्वेत पत्र में उस उत्पादन/तकनीक से जुड़ी विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं। उदाहरण के तौर पर उस तकनीक की वजह से मिलने वाली सुविधाएं, उसका उपयोग करने का तरीका और आवश्यक वातावरण, अन्य तकनीक से यह कैसे भिन्न है, इसकी कीमत आदि जानकारियां शामिल होती हैं।
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