महंगाई का नया रिकॉर्ड:12 साल के हाई पर पहुंची थोक महंगाई, नवंबर में बढ़कर 14.23% हुई

2 वर्ष पहले
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थोक महंगाई (WPI इंडेक्स) के मोर्चे पर सरकार को झटका लगा है। नवंबर में थोक महंगाई 14.23% पर पहुंच गई है। इससे पहले अक्टूबर महीने में ये 12.54% पर थी। सितंबर में यह 10.6% थी। इससे पहले सोमवार को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे। ये नवंबर में बढ़कर 4.91% हो गई। अक्टूबर में यह 4.48% दर्ज की गई थी।

महंगाई दर 12 सालों में सबसे ज्यादा
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, थोक महंगाई का ये आंकड़ा 12 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ईंधन और बिजली की कीमतों में तेज़ी के कारण थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

महीने-दर महीने आधार पर महंगाई दर

  • नवंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई अक्टूबर महीने के 3.06% से बढ़कर 6.70% पर आ गई है।
  • मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर अक्टूबर महीने के 11.92% से बढ़कर 12.04% आ गई है।
  • फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई अक्टूबर के 37.18 % से बढ़कर 39.81% पर पहुंच गई है।
  • नवंबर में खाने के तेल की थोक महंगाई दर अक्टूबर के 32.57% से घटकर 23.16% पर आ गई है।
  • अंडे, मांस की थोक महंगाई 1.98% से बढ़कर 9.66% पर आ गई है।
  • प्याज की थोक महंगाई -25.01% से घटकर -30.14% पर आ गई है।
  • आलू की थोक महंगाई -51.32% से बढ़कर -49.54% पर आ गई है।
  • सब्जियों की थोक महंगाई अक्टूबर के 18.49% से बढ़कर 3.91% पर आ गई है।
  • दूध की थोक महंगाई अक्टूबर के 1.68% से बढ़कर 1.81% पर आ गई है।

थोक महंगाई दर क्या होती है?
होलसेल प्राइस इंडेक्स या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है। ये कीमतें थोक में किए गए सौदों से जुड़ी होती हैं। इसकी तुलना में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आम ग्राहकों द्वारा दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होता है। CPI आधारित महंगाई की दर को रिटेल इंफ्लेशन या खुदरा महंगाई दर कहते हैं।

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