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बात बराबरी की:लंबे बालों वाली लड़की का दर्जा वही है, जैसे लड़के का कमाऊ होना या फिर खुद का मकान होना

नई दिल्ली3 वर्ष पहलेलेखक: मृदुलिका झा
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फ्रांस में 17वीं सदी में एक रानी हुआ करती थी। रानी मेरी एंटोनेटे अपने दौर में बेहद मशहूर हुईं। ये ख्याति उनके किसी फैसले से नहीं आई। किसी खास किस्म का फ्रेंच खाना उनकी रसोई से नहीं निकला। न उन्होंने पेरिस के कलाजगत को कोई हुनर दिया। रानी के पुरुष हेयरड्रेसर ने दरअसल एक हेयरस्टाइल इजाद की। इसमें 14 गज लंबे रेशम को लपेटकर सिर पर किसी टावर की तरह खड़ा किया जाता। इस टावर पर कोई न कोई चीज सजी होती। रानी अगर गर्भवती हो तो इस पर किसी बच्चे की नमूना सज जाता।

रानी अगर सैर पर जाने के मूड में हो तो सिर पर विशाल जहाज पसर जाता, या पक्षी चहचहाने लगते। फ्रांसीसी रानी की इस हेयरस्टाइल को ली पफ (Le Pouf) कहा गया, जिसमें सिर लगभग 5 किलो वजन लगातार उठाए रखता। रानियां बीतीं, दौर बीता, लेकिन लंबे बालों और खूबसूरत हेयरस्टाइल को लेकर मर्दानी झक बाकी है। तभी दक्षिण कोरिया की तीरंदाज आन सन ने जब टोक्यो ओलिंपिक में दो-दो गोल्ड जीते तब भी उनका देश जश्न में नहीं डूबा। इसकी जगह इंस्टाग्राम पर सवाल किया गया- आपके बाल छोटे हैं। क्या आप फेमिनिस्ट हैं? अगर हां, तो मर जाएं।

अब 20 साल की आन सन के सपोर्ट में उनके देश की महिलाएं अपने बाल छोटे करा रही हैं। कमर तक लहराते लंबे बालों को एकदम छोटा कटवाकर वे अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल रही हैं। वे पोस्ट में लिख रही हैं कि बालों का बारीक कट जाना उन्हें किसी भी तरह कम औरत नहीं बनाता। और न ही छोटे बालों वाली औरतें पुरुषों को गप से निगलने को तैयार रहती हैं। ये केवल चॉइस है। ठीक वैसे ही, जैसे नाखूनों को तराशकर लंबा या छोटा रखना। आंखों को कोरा रखना या काजल से आंजना।

छोटे बालों से सिर्फ दक्षिण कोरियाई पुरुष ही नहीं खकुआए, बल्कि अमेरिका में भी ये नफरत खुलकर दिखती रही। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेहद खूबसूरत बेटी इवांका ट्रंप ने अपने सुनहरे, लंबे-घूमरदार बाल कंधों तक कटा लिए। अमेरिका में आए दिन आते तूफान एक तरफ, और इवांका के बालों का कटना एक तरफ। देशभर में चर्चा होने लगी कि आखिर इवांका ने लंबे बालों को कुतर क्यों डाला। यहां तक कि वहां का मीडिया भी खुद को नहीं रोक सका। उसने इवांका के नए हेयरकट को ‘पावर बॉब’ का नाम दे दिया। उसने अनुमान लगाया कि छोटे-कतरे बालों के जरिए इवांका खुद को मर्दाना दिखा रही हैं। वे संकेत दे रही हैं कि जल्द ही वे भी अमेरिकी राजनीति का चमकता सितारा होंगी। क्यों? क्योंकि उनके बाल छोटे तराशे हुए हैं। ठीक वैसे ही जैसे किसी ताकतवर पुरुष के होते हैं।

साल 2016 में हिलेरी के बाल भी चर्चा में रहे थे। यहां तक कि मजाक ही मजाक में हिलेरी को कहना पड़ गया, 'सबसे जरूरी चीज है हेयरस्टाइल। अपने बालों पर ध्यान दें, क्योंकि बाकी सब जरूर ध्यान देंगे।' इसके तुरंत बाद ही उनकी हेयर स्टाइल में एकदम से बदलाव आया। चोटी गायब हुई और बाल छोटे तराशकर सामने की ओर लाते हुए उन्हें योद्धा की तरह दिखाने की कोशिश हुई। हिलेरी अपने पुरुष प्रतिद्वंदी से ज्यादा लोकप्रिय थीं, मौका मिलने पर शायद ज्यादा काबिल भी साबित हो पातीं, लेकिन वे चुनाव हार गईं।

लंबे-लहराते बालों को लेकर भारतीय पुरुषों की खब्त भी कहीं कम नहीं। बालों को वे कमनीयता और नजाकत से जोड़ते हैं। शादी की बात चले तो गोरा रंग, बड़ी आंखें और लंबे बाल लड़की के पढ़े-लिखे या समझदार होने से ज्यादा बड़ी खूबियों में गिने जाते हैं।

लहरदार बालों वाली लड़की का दर्जा लगभग वही है, जैसे लड़के का कमाऊ होना या फिर खुद का मकान होना। माना जाता है कि कमर तक लंबे बालों वाली लड़की घरेलू होगी, जिसे मसालदानी से खुद से भी ज्यादा प्रेम होगा। ये लड़की अपने लंबे बाल पसारकर पति को प्रेम का सुख देगी। और कभी सब्जी में नमक ज्यादा या गोश्त जरा कम लज्जतदार बन जाए, तो झोंटा पकड़कर मारने का भी अपना लुत्फ होगा।

इधर छोटे बालों वाली लड़की ज्यादा खुली होती है। वो बोलती है। विरोध जताती है और मौका पड़ने पर खुद को आजाद बताने से भी बाज नहीं आती। आसान भाषा में कहें तो छोटे बालों वाली लड़की किसी के गले नहीं उतरती।

वैसे गौर करें तो इतिहास में बालों को लेकर ये सनक जरा कम ही दिखती है। पुराने वक्त में स्त्री और पुरुष दोनों ही लंबे बाल रखते। कुलीन घराने के मर्द बालों पर महंगी विग भी पहना करते, जो सुनहरी या सफेद और लहरदार होती। जो पुरुष जितना अमीर, उसके बाल उतने ही नजाकत से संभले हुए। दक्षिण अमेरिका में लंबे बालों वाले पुरुष ज्यादा बहादुर कहलाते, जबकि छोटे बालों वाले लोग गरीब और कमजोर।

19वीं सदी में मुल्कों के बीच आपसी जंग बढ़ी। सैनिक एक से दूसरे देश टहलने लगे। बालों के रखरखाव का वक्त घटा, लिहाजा बाल भी घटने लगे, लेकिन औरतों का क्या! वे तब भी किलों-महलों-घरों-झोपड़ों में थीं, अब भी हैं। उनके पास वक्त ही वक्त है। वे इंच-इंच कर बाल बढ़ाएं। बारिशों में, कड़कड़ाती ठंड में उन्हें धोकर धूप में सुखाएं या फिर गीले बालों का जूड़ा बांधकर रसोई में जुट जाएं। गीले बाल भले ही उन्हें साइनस दें या माइग्रेन- बाल लंबे तो होने ही चाहिए। पुरुष नजर से देखें तो लंबे और छोटे बालों वाली औरत में वही फर्क है, जो रसखीर और बासी रोटी में।

तो बाल लंबे करो, लड़कियों। खूब लंबे। रीठा-आंवला लगाओ, चाहे ब्रांडेड शैंपू चुनो। लेकिन तब रुक जाओ, जब बाल कटाने की चर्चा-भर से तुम्हारे प्रेमी, पति या पुरुष दोस्त का चेहरा लटक जाए। सैलून जाओ, या कैंची उठाकर खुद ही अपने बाल कतर डालो। क्योंकि जब तक शौक है, ठीक है, लेकिन बालों की लंबाई अगर गैरबराबरी का भी कद बढ़ाती हो तो ऐसे बालों पर बवाल मचना ही भला।

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