सेहतनामा-पेट में सूजन से जान का खतरा, IBD तो नहीं:पाइल्स से कितनी अलग, कैंसर भी हो सकता है, क्या है इलाज

2 महीने पहलेलेखक: गौरव तिवारी
  • कॉपी लिंक

पेट में सूजन है, वजन घट रहा है, थकान सी बनी रहती है तो इसे हल्के में न लें। ये गंभीर बीमारी इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज (IBD) के लक्षण हो सकते हैं। समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो कैंसर होने की आशंका रहती है। दुनिया भर में लगभग 50 लाख लोग IBD से पीड़ित हैं। यह एक क्रॉनिक डिजीज है, जिससे आंतों में सूजन और जख्म हो जाता है।

हाल ही में मेडिकल जर्नल PLOS मेडिसिन में पब्लिश हुई एक स्टडी ने इस मामले में एक उम्मीद की किरण दिखाई है। इसके मुताबिक IBD के खतरनाक रूप लेने से करीब एक साल पहले ही इसका पता लगाया जा सकता है। अगर ध्यान दें तो इसके लक्षण पहले ही सामने आ जाते हैं।

आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे IBD के बारे में। साथ ही जानेंगे कि-

  • IBD क्यों बन जाती है कैंसर का कारण?
  • इसके लक्षण बवासीर से जैसे क्यों लगते हैं?
  • क्या IBD का इलाज संभव है?

सबसे ज्यादा IBD मामलों में दूसरे नंबर पर भारत

क्रॉनिक डिजीज IBD के सबसे ज्यादा पेशेंट्स अमेरिका में हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक डेटा के मुताबिक अमेरिका में 30 लाख लोग IBD से जूझ रहे हैं। जबकि भारत में लगभग 2.7 लाख लोग IBD से पीड़ित हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक IBD पीड़ितों वाला देश है। हमने भले ही पिछले कुछ समय में कई बीमारियों पर काबू पाया है। लेकिन IBD के पीछे तय कारणों का पता न चलने के कारण यह हर दिन नई पहेली की तरह उलझ जाती है।

क्या कहती है स्टडी?

IBD पर आई नई स्टडी के मुताबिक अगर पेट की समस्या होने पर अगर कुछ लक्षण इस बीमारी की ओर इशारा कर रहे हैं तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर करके समय रहते इसका पता लगाया जा सकता है। समय पर इलाज मिलने पर IBD से होने वाली समस्याओं से पार पाया जा सकता है।

IBD क्या है?

इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज (IBD) पाचन तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है। जिसके शुरुआती लक्षण बेहद आम होते हैं, इसलिए इन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है। चुंकि इसके लक्षण बवासीर से मेल खाते हैं, इसलिए कई बार लोग बवासीर का इलाज कराने लग जाते है। इस बीच यह बीमारी गंभीर होती चली जाती है और समय पर इलाज न मिलने के कारण यह वेट लॉस, कुपोषण और कई बार कैंसर का भी कारण बन सकती है।

दो तरह की होती है IBD

क्रॉनिक डिजीज IBD मुख्यत: दो तरह की होती है, क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस।

क्रोहन डिजीज: यह समस्या डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में कहीं भी हो सकती है। इससे पेशेंट के मुंह से लेकर छोटी आंत तक सूजन के साथ जलन की समस्या होती है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस: इसमें आमतौर पर बड़ी आंत या मलाशय में सूजन होता है और यह सूजन केवल कोलन की परत पर होता है।

पेट में लंबे समय तक सूजन और जख्म का इलाज नहीं होने पर यह कई बार कैंसर की वजह बन सकता है।

क्यों और किसे होती है IBD?

IBD होने के पीछे के सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन ऐसे कई फैक्टर्स की एक बड़ी लिस्ट है। जिसके कारण यह हो सकती है। IBD होने का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को रहता है, जिनकी IBD की कोई फैमिली हिस्ट्री रही है।

आनुवांशिक कारण

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक जिसके पेरेंट्स या घर परिवार का कोई सदस्य IBD से पीड़ित है तो उसे इस बीमारी का खतरा बहुत अधिक होता है।

खराब जीवनशैली

समय पर न सोने और जागने वालों को भी यह समस्या हो सकती है। कम नींद लेने और एक्सरसाइज न करने से मोटापा और स्ट्रेस बढ़ता है। जो बाद में IBD का कारण बनता है।

खान-पान खराब होने पर

अधिक तला-भुना खाना, पैकेज्ड फूड और जंक फूड भी IBD की वजह बन सकते हैं। क्योंकि यह खाना पाचन तंत्र को मुश्किल में डालता है। जो सूजन और जख्म का कारण बन सकता है।

कमजोर इम्यूनिटी

कमजोर इम्यूनिटी भी IBD की वजह हो सकती है। हमारा इम्यून सिस्टम बीमारियों से रक्षा करता है। इसके कमजोर होने पर पाचन तंत्र में एक जीवाणु भी समस्या को ट्रिगर कर सकता है। ऐसा ऑटो-इम्यून सिस्टम के खराब होने पर भी हो सकता है। ऐसा होने पर हमारी एंटीबॉडीज ही शरीर पर हमला कर देती हैं।

धूम्रपान और वातावरण

धूम्रपान या बाहरी प्रदूषण के चलते खाने की पाइप और आंतों पर बुरा असर पड़ता है। इसके चलते सूजन और जख्म हो सकते हैं। यह IBD के लिए बड़े स्तर पर जिम्मेदार हो सकता है।

पाइल्स से कैसे अलग है IBD?

दिल्ली के सीनियर फिजीशियन डॉ बॉबी दीवान बताते हैं कि IBD और पाइल्स के लक्षण आपस में इतने मेल खाते हैं कि लोग IBD को ही पाइल्स समझने लगते हैं। दोनों ही बीमारियों में मल के साथ खून आता है। लेकिन बवासीर में कॉन्स्टिपेशन के साथ खून आता है, जबकि IBD में दस्त के साथ खून आने की समस्या होती है।

IBD में भी मल के साथ आने वाला खून दो तरह का होता है। अगर यह खून लाल रंग का है तो बड़ी आंत या मलाशय का हो सकता है। अगर इस खून का रंग काला पड़ गया है तो पाचन तंत्र से आ रहा होगा।

क्या है इसका बचाव और इलाज?

IBD को जड़ खत्म करने की कोई दवा या तकनीक अभी तक नहीं खोजी गई है। लेकिन, इसमें काफी हद तक राहत मिल सकती है।

डॉ बॉबी दीवान के मुताबिक, सही समय पर इलाज मिलने पर इसका प्रभाव कम हो सकता है। कुछ सावधानियां और अवेयरनेस ही इसका सबसे सटीक उपाय हैं।

  • शुद्ध और संतुलित खान-पान हमें इस बीमारी से बचा सकता है।
  • फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड और बहुत तला-भुना खाना खाने से बचें।
  • साफ-सुथरी जीवनशैली भी हमें इस बीमारी से बचा सकती है।
  • शराब-सिगरेट और नशे की दूसरी सभी चीजों से दूरी बरतें।
  • पेट दर्द या पेट की सूजन होने पर तुरंत चेक-अप करवाएं।
खबरें और भी हैं...

Top Cities