सबसे बड़ा मंत्र क्या है, गायत्री मंत्र कितना शक्तिशाली है ? gayatri mantra

 

बेहद शक्तिशाली माना गया है गायत्री मंत्र क्यों ? जानिए इसके नियम व लाभ 


सबसे बड़ा मंत्र क्या है, गायत्री मंत्र कितना शक्तिशाली है ? gayatri mantra



इस मंत्र के जाप से सुख समृद्धि , विद्या, बुद्धि, सद्ज्ञान और तरक्की की प्राप्ति होती है , यदि 


पूरी श्रद्धा , नियम और विश्वाश के साथ गायत्री मंत्र का जाप किया जाय तो सभी प्रकार की 


मनोकमनाएं पूरी होती हैं।


बहुत लोगों के सवाल आते हैं , सबसे बड़ा मंत्र क्या है , गायत्री मंत्र कितना 

शक्तिशाली है ? gayatri mantra ,गायत्री मंत्र की शक्ति , गायत्री मंत्र किसको समर्पित है ? गायत्री मंत्र की उत्पत्ति ,कलयुग का महामंत्र ,कलयुग में कौन सा मंत्र सर्वश्रेष्ठ है , सबसे बड़ा मंत्र क्या है? महा मंत्र क्या है? इस लेख में सभी 

सवालों का जवाब विस्तार से दिया है , ध्यान से पढ़ें —---------



माता गायत्री की उत्पत्ति एवं महामंत्र गायत्री मंत्र का महत्त्व

 “ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्” 

देवी गायत्री माता को चारों वेदों की जननी भी माना जाता है। इसी कारण इनको वेदमाता भी कहा जाता है। 

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी यज्ञ में शामिल होने के लिए जा रहे थे। किंतु उस समय उनकी पत्नी सावित्री उनके साथ में नहीं थी। इसलिए उन्होंने देवी गायत्री से विवाह कर लिया , क्योंकि यज्ञ जैसे धार्मिक कार्यों में सपत्नी शामिल होने पर उसका पूरा फल मिलता है।

ऐसी मान्यता है , सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी के मुख से गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था। इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या , देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की।

इसलिए  गायत्री मंत्र को वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है। 

 गायत्री मंत्र की शक्ति और महत्व 

यदि श्रद्धा पूर्वक गायत्री मंत्र का सही तरीके से , नियमित जाप किया जाए तो , क्रोध शांत होता है , और व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र की मदद से बौद्धिक क्षमता और याददाश्त बढ़ती है। इस मंत्र के शुद्ध जाप से विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। जिस घर में नियमित इस मंत्र का जाप होता है ,उस घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं आती। घर के सभी सदस्य तरक्की करते हैं। 

गायत्री मंत्र के जाप का समय  


गायत्री मंत्र साधना के लिए आप सही समय चुने | जब आप आलस्य से दूर हों ,और वातावरण शांत हो | इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त अर्थात् सूर्योदय से पूर्व का समय उपयुक्त है |


तीनो समय सुबह, शाम और दोपहर में गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। सुबह के समय गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले आरंभ कर देना चाहिए और सूर्योदय के कुछ समय बाद तक करना चाहिए। 


दोपहर जब सूर्ये देव बिलकुल सिर के ऊपर हो तब मंत्र का जाप कीजिए। शाम के समय भी सूर्यास्त से कुछ समय पहले आरंभ कर देना चाहिए और सूर्यास्त के कुछ समय बाद  तक करना चाहिए। 


यहाँ पढ़ें - नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का मंत्र श्री हनुमान मंत्र , negative energy symptoms and treatment


गायत्री मंत्र के जाप का विधि एवं नियम 

1 - गायत्री मंत्र का जाप कभी इस स्वर में नहीं करना चाहिए की आस पास के लोगों को सुने । मन ही मन इस मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है ।


2 -  गायत्री मंत्र का जाप करते समय मंत्र के आगे और पीछो श्री जरूर लगाएं । गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना सही और लाभदायक रहता है।

 

3 - जाप से पूर्व दीपक जला लें और एक लोटे जल में मिश्री के एक दो दाने डालकर रख दें। 

मंत्र जाप के बाद , लोटे से जल लेकर सूर्य देव को या तुलसी के गमले में अर्पित कर दें।


4 - यदि आप विद्यार्थी हो और हॉस्टल में रहते हो और दीपक घी का जलाने में असुविधा है तो 

अगरबत्ती जला लीजिए । अगर कुछ भी संभव नहीं तो एक ग्लास या लोटे जल को समक्ष रख 

के जाप कर लीजिए और उस जल को किसी पेड़ पौधे में अर्पित कर दीजिए। 


5 - गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपका ध्यान और मन एकाग्रचित होना चाहिए | आपको 

बिल्कुल भी बाहरी दुनिया में ध्यान नही देना चाहिए | 


6 -ध्यान रखे मंत्र का जाप करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए|


गायत्री मंत्र इतना शक्तिशाली क्यों है ? गायत्री मंत्र की शक्ति

जब हम गायत्री मन्त्र का उच्चारण करते हैं तो शरीर की सभी ग्रन्थियों पर असर पहुँचता है , 

और वे धीरे-धीरे सुप्त अवस्था का परित्याग करके जागृति हो जाती हैं । जिस प्रकार 

हारमोनियम बजाते समय जिस  बटन पर हाथ रखते हैं, वह स्वर बोलने लगता है। इसी प्रकार 

इन 24 अक्षरों के उच्चारण से वे 24 ग्रन्थियाँ झंकृत होने लगती हैं। इस झंकार के कारण शरीर 

में जागृति की लहर दौड़ती है।


 फलस्वरूप धीरे-धीरे साधक में अनेकों विशेषतायें पैदा होती जाती हैं।  और इस प्रकार 

अनेकों प्रकार के भौतिक तथा आध्यात्मिक लाभ मिलने लगते हैं। 


नियमित गायत्री मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन सफल और सुखी रहता है,कोई हारी  बीमारी 

नहीं होती ,दुकान व्यापार सही चलता है, घर के सभी सदस्य व्यापार ,नौकरी ,पढाई में उन्नति 

करते हैं ,ग्रह कलेश नहीं होता । फालतू के खर्चे और कर्जा नहीं होता।


सबसे बड़ा मंत्र क्या है? गायत्री मंत्र की शक्ति


1 - भागवत गीता में स्वयं भगवान कृष्ण ने गायत्री मंत्र का महत्त्व बताया है। इसके बहु आयामी 


लाभ को देखते हुए ही इसे वेदों में महामंत्र की संज्ञा दी गयी है। 



2 - कई आधुनिक रिसर्च में यह भी सिद्ध किया कि गायत्री मंन्त्र संस्कृत में पढ़ने पर ही 


प्रभावशाली है, क्योंकि संस्कृत के मंन्त्र की ध्वनियां न्यूरोसिस्टम पर असर डालती है। पश्चमी


 देशों में मानसिक रूप से अस्वस्थ मरीजों को गायत्री मंत्र सुनाया जाता है , जिसका 


चमत्कारिक परिणाम मिला है। 



3 - गायत्री मंत्र का जाप वह विद्या है, जिससे मानसिक संतुलन और बौद्धिक कुशलता सहज़ 


ही पाई जा सकती है। दवाईयां और मंन्त्र साम्प्रदायिक नहीं होते। दवा हिन्दू मुस्लिम सिख 


ईसाई जो खायेगा उसे असर करेगी, संस्कृत में गायत्री मंत्र जो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जपेगा 


उसे मानसिक सन्तुलन और बौद्धिक कुशलता मिलेगी। 


गायत्री साधना के प्रत्यक्ष चमत्कार  , गायत्री मंत्र साधना व् उपासना

गायत्री मंत्र ही ऐसा है, जो व्यक्ति को अलौकिक शक्ति प्रदान

करता है। 


1 - इससे , ज्योतिष , आचार्य या भगत जो लोगों का आध्यात्मिक रूप से भला

करना चाहते हैं , और यदि उन्होंने गायत्री मंत्र साधना की हैं। तो उनकी वाणी

ब्रह्म वाक्य बन जाता है , सबका भला ही होता है। 


2 - गायत्री मंत्र साधना , भयानक रोग से भी छुटकारा दिलाता है।  


3 - गृहस्थ को धन - समृद्धि व् ऐश्वर्य, धन माया बनी रहती है। कभी कर्जा नहीं होता। 


4 - गायत्री मंत्र साधक पर हमेशा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।


5 - विद्यार्थी के लिए तो ये कामयाबी का रामबाण उपाय है। 


यह एक ऐसा कल्पवृक्ष है, जिसका आश्रय लेने वाले की समस्त इच्छाए पूर्ण होती है। 


डॉ. राधाकृष्णन के शब्दों में, गायत्री मंत्र इंसान को नवजीवन प्रदान करने वाली

एक प्रार्थना है|  रबीन्द्रनाथ टैगोर का कहना था कि गायत्री मंत्र से उन्होंने वह

सब कुछ प्राप्त कर लिया, जिसकी उन्हे आशा न थी I उनके कथनानुसार " इस

मन्त्र ने मेरे आंतरिक चक्षु खोलकर, मुझे श्रेष्ठ बुद्धि प्रदान कर सदमार्ग दिखाया है। 


 'श्री रामचंद्रजी ने लक्षमण से व् भीष्म पितामह ने कौरव - पांडवो से गायत्री मन्त्र कि

महिमा का गान किया है और श्री कृष्ण ने तो यहां तक कह दिया कि मंत्रो के

विभिन्न रूपों, साधना पद्धतियों को हमने इस पुस्तक में दिया है। 


 गायत्री में निष्ठा रखने वाले श्रद्धावान भक्तो के लिए यह किताब बहुत उपयोगी

होगी। ये किताब हर घर में पूजा के स्थान पर होनी चाहिए।


जय गायत्री माता। 

सबसे बड़ा मंत्र क्या है, गायत्री मंत्र कितना शक्तिशाली है ?


गायत्री मंत्र साधना पुस्तक को आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
सबसे बड़ा मंत्र क्या है, गायत्री मंत्र कितना शक्तिशाली है ?


आशा सभी सवालों , सबसे बड़ा मंत्र क्या है , गायत्री मंत्र कितना शक्तिशाली है ? gayatri mantra ,गायत्री मंत्र की शक्ति , गायत्री मंत्र की उत्पत्ति ,कलयुग का महामंत्र ,कलयुग में कौन सा मंत्र सर्वश्रेष्ठ है, सबसे बड़ा मंत्र क्या है ?गायत्री मंत्र किसको समर्पित है ? महा मंत्र क्या है ? का जवाब मिल गया होगा , कोई और सवाल हो तो मैसेज कीजिए। जय श्री राधे 


यहाँ पढ़ें - कलयुग का कौन सा मंत्र सर्वश्रेष्ठ है , most powerful mantra in vedas



जानकारी अच्छी लगी तो फॉलो कीजिए और दायीं और लाल घंटी को 

दबा दीजिए , ताकि अगली पोस्ट जल्दी से जल्दी आपके पास पहुंचे ,

 धन्यवाद

सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें  

whatsapp  7206661495 

गीता जी वेदांत


और नया पुराने