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नैनीताल जा रहे हैं तो पहले पढ़ लें ये खबर, फिर बनाएं घूमने का टूर
नैनीताल घूमने वालों के लिए अब प्रशासन ने कुछ नये नियम लागू किये हैं.
नैनीताल हिल स्टेशन देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के टूरिस्टों के बीच पॉपुलर है. गर्मियों में नैनीताल में इतने सैलानी आते हैं कि पैर रखने तक की जगह नहीं होती है. दिल्ली-एनसीआर से नजदीक होने के कारण वीकएंड पर सबसे ज्यादा सैलानियों की भीड़ नैनीताल में जुटती है. देश के कोने-कोने से टूरिस्ट गर्मियों में नैनीताल आते हैं. नैनीताल में सैलानियों की भीड़ का आलम यह है कि प्रशासन के लिए इसे संभालन मुश्किल हो रहा है. कैपिसिटी से अधिक टूरिस्ट आने के कारण नैनीताल में जाम की स्थिति भी बन जाती है. पिछले दिनों तीन-तीन घंटे तक का जाम देखने को मिला है. टूरिस्टों की इतनी आवाजाही है कि होटल फुल हो गये हैं.
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ऐसे में नैनीताल घूमने वालों के लिए अब प्रशासन ने कुछ नये नियम लागू किये हैं. ये नियम इसलिए लागू किये गये हैं ताकि भीड़ को कंट्रोल किया जा सके. दरअसल, हिल स्टेशनों पर जब ज्यादा भीड़ हो जाती है कि तो न ही घुमक्कड़ी का आनंद आता है और न ही टूरिस्ट सही से घूम पाते हैं. सैलानियों की भीड़ और जाम की स्थिति को देखते हुए नैनीताल में बाइक की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है.
नैनीताल में प्रवेश के लिए टूरिस्टों को हल्द्वानी कालाढुंगी रोड लेना होगा और बाहर निकलने के लिए सैलानी पटवाडांगर से बेलबसानी होते हुए जाएंगे. पार्किंग फुल होने के बाद टूरिस्टों के वाहनों को रुसी बाईपास और नारायण नगर में पार्क करवाए जाएंगे. जहां से नैनीताल तक टूरिस्ट शटल सेवा लेंगे. नैनीताल में टूरिस्टों के लिए पानी से लेकर पुलिस इंतजाम और शौचालय तक की सारी सुविधाएं होंगी. टूरिस्टों के वाहनों की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरों के जरिए होगी. माल रोड में नो पार्किंग जोन रहेगा. नैनीताल में टूरिस्ट सिर्फ रजिस्टर्ड होटल ही बुक कर पाएंगे. पंगोट जाने वाले वाहनों को सीधा भेजा जाएगा. नैनीताल सैलानियों का फेवरेट टूरिस्ट स्पॉट है. झीलों और पहाड़ों से घिरे नैनीताल को भारत का स्विट्जरलैंड कहते हैं. यहां की वादियां और शांत वातावरण सैलानियों को बेहद पसंद आता है.