Move to Jagran APP

Dalai Lama: कई परीक्षाओं के बाद होता है दलाई लामा का चयन, सालों तक होती है खोज; पढ़ें पूरी प्रक्रिया

Who is Dalai Lamaएक आध्यात्मिक नेता और तिब्बती बौद्ध परंपरा के प्रमुख दलाई लामा न केवल एक धार्मिक व्यक्ति हैं बल्कि एक राजनीतिक और सांस्कृतिक नेता भी हैं। दलाई लामा का कभी चुनाव नहीं होता है बल्कि उन्हें खोजा जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया।

By Babli KumariEdited By: Babli KumariPublished: Wed, 31 May 2023 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 31 May 2023 11:57 AM (IST)
कई परीक्षाओं के बाद होता है दलाई लामा का चयन (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। यूं तो पूरी दुनिया में कई धर्म, संस्कृति और परंपराएं हैं, लेकिन इंसानों द्वारा बनाई गई इन तमाम रीति–रिवाजों और आस्थाओं का एक ही मकसद है...और वो है मानवता, शांति और भाईचारा। भगवान गौतम बुद्ध से शुरू हुए इन्हीं धर्मों में से एक बौद्ध धर्म के अनुयायी आज पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। बौद्ध धर्म में भगवान बुद्ध के बाद सबसे ऊंचा अगर किसी का स्थान होता है तो वो होता है 'दलाई लामा' का।

loksabha election banner

बौद्ध धर्म के अनुयायी दलाई लामा को अपने भगवान के रूप में देखते हैं। दलाई लामा तिब्बती बौद्धों के अध्यात्मिक, धार्मिक और राजनीतिक गुरु होते हैं। तिब्बती बौद्धों में दलाई लामा का चुनाव करने के लिए एक लंबी और गौरवशाली परंपरा रही है।

कैसे बनते हैं दलाई लामा? क्या होती है प्रक्रिया? किसे बनाया जाता है दलाई लामा? ऐसे तमाम तरह के सवाल लोगों के जहन में हमेशा ही घूमती हैं। चलिये इन सवालों के जवाब जानते हैं।

दलाई लामा लाखों लोगों के आस्था का प्रतीक 

तिब्बतियों के 14वें गुरू दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो की उम्र और तबियत बिगड़ने के साथ ही नए दलाई लामा के चुनाव को लेकर चर्चा का दौर तेज हो गया है। इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि 15वें दलाई लामा कौन होंगे। दरअसल दलाई लामा का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण और लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक होता है।

हालांकि चीन हमेशा से दलाई लामा के चयन में अपना दखल बनाए रखना चाहता है जबकि भारत तिब्बती बौद्धों के परंपरा का सम्मान करते हुए उन्हें अपने तरीके से दलाई लामा का चुनाव करने का समर्थन करता है। आज के इस आर्टिकल में आपको बताऊंगी कैसे चुने जाते हैं नए दलाई लामा, क्या होती है दलाई लामा चुने जाने की प्रक्रिया आदि।

यह भी पढ़ें- Adhinam Priest: कौन हैं तमिलनाडु के आदिनम संत, जिन्होंने की सेंगोल की पूजा? इनके सामने PM मोदी भी हुए नतमस्तक

क्या है दलाई लामा का अर्थ ?

शीर्षक 'दलाई लामा' मंगोलियाई शब्द 'दलाई' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'सागर' और तिब्बती शब्द 'लामा', जिसका अर्थ है 'गुरु' या 'शिक्षक'। वर्तमान के और 14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो हैं। दलाई लामा का जन्म 1935, तिब्बत में हुआ था और उन्हें दो साल की उम्र में 13वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता मिली थी। तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ विफल विद्रोह के बाद 1959 में वे भारत भाग आए और तब से भारत में रह रहे हैं।

कैसे चुने जाते हैं दलाई लामा?

तिब्बती समुदाय के अनुसार लामा, ‘गुरु’ शब्द का मूल रूप है। एक ऐसा गुरु जो सभी का मार्गदर्शन करता है। दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया में पिछले दलाई लामा के पुनर्जन्म की खोज शामिल है, जिसे 'स्वर्ण कलश' प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है।

जब दलाई लामा की मृत्यु हो जाती है, तो उनके पुनर्जन्म की खोज के लिए उच्च लामाओं की एक परिषद का गठन किया जाता है। लामा के निधन के आसपास पैदा हुए बच्चों की खोज की जाती है। कई बार यह खोज सालों तक भी चलती है। तब तक कोई स्थाई विद्वान लामा गुरु का काम संभालता है। वे अपनी खोज में उनका मार्गदर्शन करने के लिए विभिन्न चिह्नों और भविष्यवाणियों के साथ-साथ दलाई लामा के स्वयं के लेखन और शिक्षाओं का परामर्श लेते हैं। वे एक ऐसे बच्चे की तलाश करते हैं जो पिछले दलाई लामा की मृत्यु के समय पैदा हुआ था।

वर्तमान दलाई लामा का 2 साल की उम्र में हो गया था चयन

वर्तमान दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के उत्तर पूर्वी तिब्बत में एक किसान परिवार में हुआ था। ये जब महज दो साल के थे तभी इनकी पहचान 13वें दलाईलामा, थुबटेन ग्यात्सो के पुनर्जन्म के रूप में की गई और तेंजिन ग्यात्सो नाम दिया गया। तभी से 14वें दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो हैं। तेंजिन ग्यात्सो ने मठ से जुड़ी शिक्षा 6 वर्ष की आयु में शुरू कर दी थी, उनकी शिक्षा नालंदा परंपरा पर आधारित थी। इसमें उन्हें तर्कशास्त्र, ललित कला, संस्कृत व्याकरण और औषधि का ज्ञान लिया। दलाई लामा ने बौद्ध दर्शन का ज्ञान भी अर्जित किया है।

कई परीक्षाओं के बाद होता है चयन

  • दलाई लामा को खोजने में जो संकेत मिलते हैं, उसके आधार पर उस बच्चे को खोजा जाता है जिसने दलाई लामा की तरह जन्म लिया हो। उसके बाद उनकी कई तरह की परीक्षाएं होती हैं।
  • जब एक बार ये सिद्ध हो जाता है कि ये असली लामा वंशज है तो इसके लिए उससे कुछ विशेष कार्य करवाए जाते हैं, फिर उसी के आधार पर देखा जाता है कि ये चयन सही है या नहीं।
  • इसके अलावा कुछ खास चीजों की पहचान करवाई जाती है, जो पिछले दलाई लामा से संबंधित होती हैं।
  • सभी प्रमाण सिद्ध होने के बाद ही उसके बारे में सरकार को बताया जाता है। एक बार ये सब पूरा हो जाए तो फिर उस बच्चे को बौद्ध धर्म की शिक्षा दी जाती है, ताकि वह आगे चलकर धर्म का नेतृत्व कर सकें।

यह भी पढ़ें- रानी झांसी से भी पहले इस भारतीय रानी ने अंग्रेजों को चटाई थी धूल, 8 साल वन में छिपकर रहीं फिर जीता अपना राज्य


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.