Union Budget 2024: क्या होता है 'अंतरिम बजट' और यह 'पूर्ण बजट' से कैसे है अलग? समझें यहां

केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए अंतरिम बजट 1 फरवरी को संसद में पेश करने जा रही है. यह पूर्ण बजट नहीं है, पिछला अंतरिम बजट साल 2019 में पेश किया गया था. चलिये जानते है अंतरिम बजट एक पूर्ण बजट से कैसे अलग होता है.   

Bagesh Yadav
Jan 31, 2024, 23:31 IST
'अंतरिम बजट' और 'पूर्ण बजट' में क्या होता है अंतर समझें यहां
'अंतरिम बजट' और 'पूर्ण बजट' में क्या होता है अंतर समझें यहां

Interim Budget vs Full Union Budget: केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए अंतरिम बजट 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगी. पूर्ण बजट आम चुनावों के बाद नई सरकार द्वारा पेश किया जायेगा. हमेशा की तरह चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है जो एक पूर्ण बजट से अलग होता है. 

चलिये हम इस आर्टिकल के माध्यम से दोनों प्रकार के बजट के अंतर को जानने की कोशिश करते है. इस बार अंतरिम बजट (Interim budget) सरकार की आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के पेश किया जायेगा. यह छठा मौका है जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. वह अपना पहला अंतरिम बजट पेश करेगी.      

पिछला अंतरिम बजट किसने किया था पेश:

पिछला अंतरिम बजट साल 2019 में अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था. मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सीतारमण को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था. जिसके बाद उन्होंने 5 जुलाई, 2019 को पूर्ण बजट पेश किया था. वित्त मंत्री के रूप में यह उनका पहला बजट था.  

अंतरिम बजट यूनियन/पूर्ण बजट से कैसे है अलग:

चलिए अब हम इन दोनों प्रकार के बजट के अंतर को जानते है. अंतरिम बजट आम चुनावों से ठीक पहले पेश किया जाता है. जबकि यूनियन बजट किसी चुनी हुई सरकार द्वारा संसद में पेश किया जाता है. दोनों प्रकार के बजट के अंतर को जानने के लिए आप नीचे की टेबल को देख सकते है-

पूर्ण बजट  
अंतरिम बजट
केंद्रीय बजट केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाने वाला एक वार्षिक बजट है. 
अंतरिम बजट आम चुनावों से ठीक पहले पेश किया जाता है. 
यूनियन बजट लोकसभा में पूरी चर्चा के बाद पारित किया जाता है.  अंतरिम बजट को संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है. जिसे 'वोट ऑन अकाउंट' (Vote on the account) भी कहा जाता है. 
केंद्रीय बजट में पिछले वित्त वर्ष के आय और व्यय का विवरण विस्तार से दिया जाता है.  अंतरिम बजट में पिछले वित्त वर्ष के आय और व्यय का एक सामान्य विवरण पेश किया जाता है. यह केवल सरकार की आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के लिए पेश किया जाता है.    
केन्द्रीय बजट हमेशा एक पूरे किसी वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है, जिसे पूर्ण बजट भी कहा जाता है.  अंतरिम बजट में किसी भी प्रकार की नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जाती है. 
केन्द्रीय बजट में सरकार की ओर से कई नई योजनाओं की घोषणा भी की जाती है और इसके लिए फंड भी निर्धारित किये जाते है.  अंतरिम बजट चुनावी वर्ष के दौरान, वित्तीय वर्ष के लगभग 3 से 4 महीने की अवधि के खर्चों के लिए पेश किया जाता है. 
केंद्रीय बजट के 2 अलग-अलग भाग होते है. उनमें से एक सरकार के खर्चों के बारें में होता है वहीं दूसरा भाग सरकार द्वारा विभिन्न उपायों के माध्यम से धन जुटाने की योजना पर आधारित होता है.    अंतरिम बजट में सरकार के आय के स्रोतों की डिटेल्स नहीं दी जाती है. इसे अगली सरकार के गठन से पहले के लिए सरकार के जरुरी खर्चों के लिए पेश किया जाता है.  
पूर्ण बजट संसद में बहुमत प्राप्त सरकार द्वारा पेश किया जाता है. अंतरिम बजटअगले लोकसभा चुनाव और पिछली लोकसभा की समाप्ति के वर्ष पेश किया जाता है.

किस आर्टिकल में है 'वोट ऑन अकाउंट' का जिक्र:

'वोट ऑन अकाउंट' (Vote on the account) संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत सरकार को अग्रिम आवंटन को दर्शाता है. जो विशेष रूप से सरकार के अप्ल्कालिक व्यय आवश्यकताओं को परिभाषित करता है. 'वोट ऑन अकाउंट' जब नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा तो सरकार को समेकित निधि से कोई भी पैसा खर्च करने की अनुमति देता है. 

यह भी देखें:

Union budget 2024: इस साल बजट पेश करते ही वित्तमंत्री के नाम दर्ज होगा यह अनोखा रिकॉर्ड

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