लोकसभा चुनाव के बीच में मोदी सरकार को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। खुदरा महंगाई दर दस महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 4.85 फीसदी दर्ज की गई है। इससे पहले फरवरी में ये आंकड़ा 5.09 फीसदी था। इसी तरह दाल और सब्जियों की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है। चुनाव के समय में मोदी सरकार के लिए ये खबर किसी इम्युनिटी से कम नहीं।

मार्च में खाद्य महंगाई दर 8.66 फीसदी से घटकर 8.52 पर पहुंच गई है, इसके अलावा जूते-चप्पलों की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है। राहत की बात ये भी है कि मार्च में शहरी महंगाई में भी गिरावट देखने को मिल गई है, महंगाई दर 4.78 फीसदी से घटर 4.14 प्रतिशत हो गई है। लेकिन इसी समय में ग्रामीण महंगाई में बढ़ोतरी भी देखने को मिली है।

दूसरे क्षेत्रों में बात करें तो बिजली और ईंधन की महंगाई दर भी -0.77 फीसदी से घटकर -3.24 फीसदी पर पहुंच गई है। इसी तरह हाउसिंग महंगाई दर भी 2.88 फीसदी से घटकर 2.77 फीसदी मापी गई है। चुनावी मौसम में सरकार इस घटती महंगाई को अपनी बड़ी सफलता के रूप में दिखाने वाली है। बड़ी बात ये है कि पिछले कुछ महीनों से लगातार महंगाई का आंकडा ऐसे ही कम होता जा रहा है।

अब किसी भी चुनाव में महंगाई एक बड़ा मुद्दा रहता है, 10 साल पहले जब यूपीए की सरकार सत्ता से बेदखल हुई थी, इस महंगाई ने भी जमीन पर स्थिति बदलने का काम किया था। जनता ने बढ़े हुए दामों से त्रस्त होकर गुस्से में कांग्रेस के खिलाफ वोट किया था। ऐसे में अगर अब चुनाव से ठीक पहले महंगाई के मोर्चे पर ही सरकार को राहत मिल रही है, जानकार इसे बीजेपी के लिए अच्छे संकेत मान रहे हैं।