नैनीताल के मुख्य आकर्षक केंद्रों में से एक नैनी झील का जलस्तर घटने के कारण उसके चारों तरफ उभर आई मिट्टी और गाद हटाई गई। इससे झील की रौनक दोबारा लौट आई है। मिट्टी और गाद के इन ढेरों को हटाने के लिए नैनीताल जिला प्रशासन ने जेसीबी मशीनों की मदद से एक वृहद अभियान चलाया था, जिससे चं्रदमा के आकार वाली नैनी झील का सुंदर स्वरूप वापस लौट आया। इस संबंध में नैनीताल के जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि करीब पंद्रह दिन तक चले इस अभियान के तहत नैनी झील के चारों तरफ जमा 14 हजार घनमीटर गाद और मिट्टी को हटवाया गया है।

भारत के शीर्ष पर्यटक स्थलों में शुमार नैनीताल 49 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली नैनी झील के लिए ही मशहूर है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए समु्रद तल से साढेÞ छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित झील में नौकायन करना एक बड़ा आकर्षण है। इस बार सर्दियों में बारिश कम होने से नैनी झील का जलस्तर छह-सात फीट नीचे चला गया है। इससे उसके दोनों किनारों, मल्लीताल और तल्लीताल, पर जमा गाद दिखाई देने लगी थी। पर्यावरणविद भी झील के जलस्तर में आई गिरावट पर चिंतित हैं। उनका मानना है कि कम बारिश के अलावा जलस्तर में कमी आने का एक मुख्य कारण गर्मियोें में झील से बहुत ज्यादा पानी निकालना भी है।

प्रसिद्घ पर्यावरणविद और स्वयंसेवी संस्था हैस्को के निदेशक पद्मश्री अनिल जोशी ने कहा कि जिले में पानी की मांग बढने के साथ ही स्वभाविक रूप से झील पर भी उसका दवाब पड़ता है। जिलाधिकारी ने बताया कि झील के चारों तरफ गाद को हटाने में 50 लाख रुपए का खर्च आया है। एक अध्ययन के अनुसार, झील का 52 फीसदी पानी बारिश से आता है और अच्छी बात यह है कि नैनीताल में वर्षा की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ झील के जलस्तर में बढ़ोतरी भी शुरू हो गई है।