Government of India Alert: टेलिकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से आज (10 अक्टूबर 2023) एक बार फिर देशभर में मोबाइल फोन्स पर 'emergency alerts' मैसेज भेजे गए। अगर आपके फोन पर भी तेज साउंड के साथ इमरजेंसी अलर्स मैसेज आया है तो फिक्र करने की बात नहीं है। इस मैसेज को टेलिकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से टेस्टिंग के उद्देश्य से भेजा गया है। इस इमरजेंसी अलर्ट मैसेज को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में मोबाइल फोन यूजर्स को भेजा गया है। इस टेक्स्ट मैसेज में लिखा है,' महत्त्वपूर्ण सूचना: आपको अपने मोबाइल पर अलग ध्वनि और कंपन के साथ आपदा संबंधित एक परीक्षण संदेश प्राप्त हो सकता है। कृपया घबराएँ नहीं, यह संदेश वास्तविक आपात स्थिति का संकेत नहीं देता है। यह संदेश एक नियोजित परीक्षण प्रक्रिया के तहत दूरसंचार विभाग, भारत सरकार, द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से भेजा जा रहा है।' पहले भी कई बार भेजे जा चुके हैं Emergency Alert Message गौर करने वाली बात है कि इससे पहले भी इस तरह के अलर्ट मैसेज देश के अलग-अलग हिस्सों में यूजर्स को भेजे गए थे। 17 अगस्त 2023 को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया था कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने इमरजेंसी सेल ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना शुरू किया है। इस टेक्नोलॉजी को C-DOT के साथ डिवेलप किया जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए किसी प्राकृतिक आपदा के समय लोगों को चेतावनी दी जाएगी। Also ReadGoogle Pixel 7 Discount: पिक्सल 7 सीरीज पर धमाकेदार डील, Flipkart Big Billion Days Sale में जबरदस्त ऑफर समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट में जिक्र किया गया था कि यह टेक्नोलॉजी फिलहाल विदेशी कंपनी के जरिए उपलब्ध है। C-DOT अब इसे खुद डिवेलप कर रही है ताकि भारत के पास अपनी इमरजेंसी ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी हो सके। सी-डॉट के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर राजकुमार उपाध्याय ने कहा था कि यह टेक्नोलॉजी NDMA द्वारा लागू की जाएगी और किसी आपदा के समय सीधे यूजर्स की मोबाइल स्क्रीन पर अलर्ट ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। इसका ट्रायल देशभर में पिछले कुछ महीनों से किया जा रहा है और कई बार यूजर्स को ये अलर्ट मैसेज मिल चुके हैं। Also ReadAmazon Great Indian Festival Sale 2023: 50MP कैमरे वाले नए Nokia G42 5G पर भारी बचत, 11000 से कम में हो जाएगा आपका गौर करने वाली बात है कि दुनिया के कई देशों में पहले से यह इमरजेंसी ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। हाल ही में रूस ने भी इमरजेंसी पब्लिक वार्निंग सिस्टम की टेस्टिंग शुरू की थी।