गर्मी के सीजन में सैर-सपाटा और पर्यटन भी बढ़ जाता है। उत्तराखंड का नैनीताल सदा से पर्यटकों का पसंदीदा स्थान रहा है। लेकिन यदि इस समय आप नैनीताल घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो जान लीजिये कि वहां प्रशासन ने नए नियम लागू कर दिए हैं। इसका ध्यान ना रख पाने पर हो सकता है आपको शहर में प्रवेश ही ना मिल सके। खबर यह है कि टूरिस्ट सीजन के दौरान पर्यटन विभाग में पंजीकृत होटलों, गेस्ट हाउस और होमस्टे में बुकिंग कराने पर्यटक वाहनों को ही अब शहर में प्रवेश मिल पाएगा। गैर पंजीकृत होटलों में बुकिंग कराने वाले पर्यटकों के वाहन एंट्री प्वाइंट पर ही रोक दिए जाएंगे। ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन की तैयारियों को लेकर बुधवार को डीएम धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में बैठक में यह फैसला लिया।
क्या है इस बदलाव की वजह
बैठक में पर्यटन कारोबारियों ने कहा कि शहर के कई मार्गों पर सड़क किनारे खड़े वाहन जाम का कारण बनते है। एंट्री प्वाइंट पर पर्यटक वाहनों को रोक तो दिया जाता है, मगर वहां बिजली, पानी व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा नहीं होने से पर्यटकों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
30 से 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे
पर्यटक वाहनों की सुरक्षा को लेकर करीब 30 से 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर सहमति बनी। शहर के भीतर जाम की स्थिति से निपटने को तल्लीताल लेकब्रिज टैक्स बूथ पर कर्मचारी बढ़ाने तथा कालाढूंगी मार्ग पर वाटरफाल के समीप सड़क पर वाहन पार्किंग बंद करने पर भी सहमित बनी।
23 अप्रैल से दोपहिया वाहनों को नहीं मिलेगा शहर में प्रवेश
हर साल रमजान की समाप्ति के बाद बाइकों से नैनीताल पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या अचानक बहुत बढ़ जाती है। जिससे शहर जाम हो जाता है। इस सीजन में दोपहिया वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
नैनीताल में 270 होटल व 80 होम स्टे ही रजिस्टर्ड
शहर में पर्यटन विभाग में महज 270 होटल व 80 होम स्टे ही पंजीकृत हैं जबकि इससे कई गुना अधिक होटल व होमस्टे बिना पंजीकरण के ही संचालित हो रहे हैं। डीएम ने पंजीकृत होटलों व पार्किंग क्षमता की होर्डिंग बनाकर एंट्री प्वाइंट पर लगाने के निर्देश पर्यटन विभाग को दिए हैं। बिना पंजीकरण संचालित होटलों में चेकिंग कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
वर्तमान में नईदुनिया डॉट कॉम में शिफ्ट प्रभारी हैं। पत्रकारिता में विभिन्न मीडिया संस्थानों में अलग-अलग भूमिकाओं में कार्य करने का 22 वर्षों का दीर्घ अनुभव। वर्ष 2002 से प्रिंट व डिजिटल में कई बड़े दायित्वों ...
Previous
Upcoming
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.