महेंद्र सिंह टिकैत जैसा शायद ही कोई किसान किसान नेता रहा हो. उन्होंने किसानों के बीच अपनी एक ऐसी छवि बना ली थी कि उनकी एक आवाज पर ही लाखों किसान इकट्ठा हो जाते थे. इतिहास के पन्नों से आज हम बात करेंगे किसानों के मसीहा कहे जाने वाले महेंद्र सिंह टिकैत की. आज महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि है. आज ही के दिन यानी 15 मई 2011 को किसानों के मसीहा कहे जाने वाले महेंद्र सिंह टिकैत ने अंतिम सांस ली थी. लेकिन किसानों के बीच वह आज भी जिंदा हैं. महेंद्र सिंह टिकैत ने कई किसान आंदोलनों की अगुवाई की. किसानों के लिए गन्ना के उचित मूल्य की बात हो या सिंचाई के पानी की.वो किसानों के हक की लड़ाई में आगे ही दिखाई देते थे. उनके क्षेत्र के किसान उन्हें बाबा टिकैत के नाम से पुकारते थे. वर्ष 2008 की बात है जब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का शासन था. बिजनौर में एक भाषण के दौरान महेंद्र सिंह टिकैत के मुंह से तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के लिए अपशब्द निकल गया, जिसकी गूंज लखनऊ तक पहुंची. फिर क्या था, सीएम मायावती ने टिकैत की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए. मगर जैसी ही उनके समर्थकों को यह खबर लगी कि फोर्स महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने आ रही है, हजारों किसान सड़कों पर बुग्गी और ट्रैक्टर लेकर जमा हो गए थे.